तैजस
From जैनकोष
जीव के पाँच प्रकार के शरीरों में तीसरे प्रकार का शरीर । यह अनादिकाल से जीव के साथ जुड़ा हुआ है । यह औदारिक वैक्रियिक और आहारक शरीरों से सूक्ष्म होता है । पद्मपुराण - 105.153
जीव के पाँच प्रकार के शरीरों में तीसरे प्रकार का शरीर । यह अनादिकाल से जीव के साथ जुड़ा हुआ है । यह औदारिक वैक्रियिक और आहारक शरीरों से सूक्ष्म होता है । पद्मपुराण - 105.153