देशस्पर्श
From जैनकोष
षट्खंडागम व धवला टीका/13/5,3/सूत्र नं./पृष्ठ नं.
......'जं दव्वदेसं देसेण पुसदि सो सव्वो देसफासो णाम (18/18)' एगस्स दव्वरस देसं अवयवं जदि [देसेण] अण्णदव्वदेसेण अप्पणो अवयवेण पुसदि तो देसफासो त्ति दट्ठव्वो। -जं दव्वं तयं वा णोतयं वा पुसदि सो सव्वो तयफासो णाम (20/19).....
......जो द्रव्य एकदेश एकदेश के साथ स्पर्श करता है वह सब देश स्पर्श है।18। एक द्रव्य का देश अर्थात् अवयव यदि अन्य द्रव्य के देश अर्थात् उसके अवयव के साथ स्पर्श करता है तो वह देश स्पर्श जानना चाहिए। (दो परमाणुओं का दो प्रदेशावगाही स्कंध बनने में जो स्पर्श होता है वही देश स्पर्श है।)......
अधिक जानकारी के लिये देखें स्पर्श - 1।