पंचकल्याणकव्रत
From जैनकोष
एक व्रत । इसमें आवश्यक (षडावश्यक) कार्य करते हुए चौबीस तीर्थंकरों के पाँच कल्याणकों की 120 तिथियों के 120 उपवास किये जाते हैं । हरिवंशपुराण - 34.111
एक व्रत । इसमें आवश्यक (षडावश्यक) कार्य करते हुए चौबीस तीर्थंकरों के पाँच कल्याणकों की 120 तिथियों के 120 उपवास किये जाते हैं । हरिवंशपुराण - 34.111