पुष्पवृष्टि
From जैनकोष
केवलज्ञान की प्राप्ति पर तथा मुनियों की पारणा के पश्चात् देवों द्वारा की जाने वाली पुष्पवर्षा । यह अष्ट प्रातिहार्यों में एक प्रातिहार्य एवं पंचाश्चर्यों में एक आश्चर्य है । महापुराण 6.87, 8. 173-175, 24.46, 49
केवलज्ञान की प्राप्ति पर तथा मुनियों की पारणा के पश्चात् देवों द्वारा की जाने वाली पुष्पवर्षा । यह अष्ट प्रातिहार्यों में एक प्रातिहार्य एवं पंचाश्चर्यों में एक आश्चर्य है । महापुराण 6.87, 8. 173-175, 24.46, 49