बहुश्रुत
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
धवला 8/3,41/89/7 बारसंगपारयाबहुसुदाणाम । = जो बारह अंगों के पारगामी हैं वे बहुश्रुत कहे जाते हैं ।
पुराणकोष से
(1) विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी में रथनुपुरचक्रवाल नगर के राजा ज्वलनजटी विद्याधर का द्वितीय मंत्री । महापुराण 62.25-30 63 पांडवपुराण 4.22
(2) सौधर्मेंद्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । महापुराण 25. 120
(3) अनेक शास्त्रों के ज्ञाता आचार्य और उपाध्याय । महापुराण 63.327