बादर
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
प्रवचनसार / तात्पर्यवृत्ति/268/230/14 तद्ग्रहणयोग्यैर्बादरै:।
जो इंद्रियों के ग्रहण के योग्य होते हैं वे बादर होते हैं।
अन्य लक्षण एवं बादर से संबंधित विषय जानने के लिए देखें - सूक्ष्म - 2
सहनानी जानने के लिए देखें - गणित - I.2.5 ।
पुराणकोष से
वे जीव जिनके शरीर का घात हो सकता है । महापुराण 17.24, पद्मपुराण - 105.145