बुधजन पक्षपात तज देखो
From जैनकोष
( राग ठुमरी )
बुधजन पक्षपात तज देखो, साँचा देव कौन है इनमें ।।टेक ।।
ब्रह्मा दंड कमंडलधारि, स्वांत भ्रांत वशि सुरनारिन में ।
मृगछाला माला-मौंजी पुनि, विषयासक्त निवास नलिनमें ।।१ ।।
शंभू खट्वाअंगसहित पुनि, गिरिजा भोगमगन निशदिनमें ।
हस्त कपाल व्याल भूषन पुनि, रुंडमाल तन भस्म मलिन में ।।२ ।।
विष्णु चक्रधर मदन-बानवश, लज्जा तजि रमता गोपिनमें ।
क्रोधानल ज्वाजल्यमान पुनि, तिनके होत प्रचंड अरिनमें ।।३ ।।
श्री अरहंत परम वैरागी, दूषन लेश प्रवेश न जिनमें ।
`भागचन्द' इनको स्वरूप यह, अब कहो पूज्यपनो है किनमें ।।४ ।।