महेंद्रदत्त
From जैनकोष
(1) वृषभदेव तीर्थंकर के बासठवें गणधर । हरिवंशपुराण - 12.66
(2) राजा अकंपन का कंचुकी । सुलोचना को स्वयंवर मंडप में यही लाया था । महापुराण 43.227-278, पांडवपुराण 3.48
(3) खोमखेट नगर का राजा । इसने तीर्थंकर सुपार्श्वनाथ को पड़गाहकर आहार दिया था । महापुराण 53. 43
(4) विजयनगर का राजा । यह मरकर माहेंद्र स्वर्ग में देव हुआ तथा स्वर्ग से चयकर हरिषेण चक्रवर्ती हुआ । पद्मपुराण - 20.185-186