मेघरव
From जैनकोष
(1) एक पर्वत । यहाँ एक स्वच्छ जल से भरी वापी थी । दशानन और मंदोदरी दोनों यहाँ आये थे । उन्होंने इस पर्वत की वापी में छ: हजार कन्याओं को क्रीड़ारत देखा था । पद्मपुराण - 8.90-95
(2) विंध्यवन का एक तीर्थ । इंद्रजित् और मेघनाद के तप करने से यह इस नाम से विख्यात हुआ । पद्मपुराण - 80.136