योगसार - चारित्र-अधिकार गाथा 405
From जैनकोष
शरीर में जीवों की उत्पत्ति छठा कारण -
कक्षा-श्रोणि-स्तनाद्येषु देह-देशेषु जायते ।
उत्पत्ति: सूक्ष्म-जीवानां यतो, नो संयमस्तत: ।।४०५।।
अन्वय :- यत: (स्त्रीणां) कक्षा-श्रोणि-स्तनाद्येषु देह-देशेषु सूक्ष्म-जीवानां उत्पत्ति: जायते, तत: (तासां) संयम: न: (जायते) ।
सरलार्थ :- क्योंकि स्त्रियों के कांख, योनि, स्तनादिक शरीर के अंग-उपांगों में सूक्ष्म जीवों की बहुत उत्पत्ति होती है, इसलिए उनके सकल संयम नहीं बनता ।