योगसार - मोक्ष-अधिकार गाथा 324
From जैनकोष
गुणों के अभाव से गुणी का अभाव -
न ज्ञानादि-गुणाभावे जीवस्यास्ति व्यवस्थिति: ।
लक्षणापगमे लक्ष्यं न कुत्राप्यवतिष्ठते ।।३२४।।
अन्वय :- जीवस्य ज्ञानादि-गुणाभावे (जीवस्य) व्यवस्थिति: न अस्ति; लक्षणापगमे लक्ष्यं कुत्र अपि न अवतिष्ठते ।
सरलार्थ :- जीव के ज्ञान-दर्शनादि गुणों का अभाव मान लेने पर जीव द्रव्य की उपस्थिति/ सत्ता नहीं रह सकती; क्योंकि ज्ञानरूप लक्षण का अभाव होनेपर जीवरूप लक्ष्य कहीं नहीं ठहरता है ।