रत्नस्थली
From जैनकोष
लक्ष्मण की रानी । इसने अपने देवर भरत के साध जलक्रीड़ा करके उसे विरक्ति से हटाना चाहा किंतु भरत का मन रंचमात्र भी चलायमान नहीं हुआ था । पद्मपुराण - 83.96-102
लक्ष्मण की रानी । इसने अपने देवर भरत के साध जलक्रीड़ा करके उसे विरक्ति से हटाना चाहा किंतु भरत का मन रंचमात्र भी चलायमान नहीं हुआ था । पद्मपुराण - 83.96-102