श्रीधर्म
From जैनकोष
(1) जंबूद्वीप के विदेहक्षेत्र संबंधी विजयार्धगिरि का एक विद्याधर । इसकी श्रीदत्ता रानी थी । विभीषण नारायण का जीव नरक से निकलकर इसका श्रीदास नाम का पुत्र हुआ था । हरिवंशपुराण - 27.115-116
(2) एक चारण मुनि । कृष्ण की पटरानी सत्यभामा के पूर्वभव के जीव हरिवाहन ने इन्हीं से दीक्षा ली थी तथा अंत में सल्लेखना पूर्वक मरकर ऐशान स्वर्ग में उत्पन्न हुआ था । हरिवंशपुराण - 60.10,हरिवंशपुराण - 60.20-21
(3) तीर्थंकर सुव्रत (मुनिसुव्रत) के पूर्वभव का जीव । पद्मपुराण - 20.22-24