स्थविर कल्प
From जैनकोष
गोम्मटसार जीवकांड / जीवतत्त्व प्रदीपिका/547/714/6 पंचमकालस्थविरकल्पाल्पसंहननसंयमिषु त्रयोदशधोक्तं। = पंचमकाल में स्थविरकल्पी हीन संहनन के धारी साधु को तेरह प्रकार का चारित्र कहा है।
गोम्मटसार जीवकांड / जीवतत्त्व प्रदीपिका/547/714/6 पंचमकालस्थविरकल्पाल्पसंहननसंयमिषु त्रयोदशधोक्तं। = पंचमकाल में स्थविरकल्पी हीन संहनन के धारी साधु को तेरह प्रकार का चारित्र कहा है।