स्वस्तिक
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
- विदेह क्षेत्र में स्थित भद्रशाल वन में एक दिग्गजेंद्र पर्वत-देखें लोक - 5.3।
- विद्युत्प्रभ गजदंतस्थ एक कूट-देखें लोक - 5.4।
- कुंडल पर्वतस्थ मणिप्रभ कूट का स्वामी नागेंद्र देव-देखें लोक - 5.12।
- रुचक पर्वतस्थ एक कूट-देखें लोक - 5.13।
पुराणकोष से
(1) तेरहवें स्वर्ग का विमान । महापुराण 62.411
(2) लवणसमुद्र का स्वामी एक देव । कृष्ण ने तीन उपवास कर उसे अनुकूल किया था । पांडवपुराण 21.120 -121
(3) रुचकगिरि की दक्षिणदिशा का एक कूट-स्वहस्ती देव की आवासभूमि । हरिवंशपुराण - 5.702
(4) मेरु से दक्षिण की ओर सीतोदा नदी के पूर्व तट पर स्थित एक कूट । हरिवंशपुराण - 5.206
(5) विद्युत्प्रभ गजदंत पर्वत का छठा कूट । हरिवंशपुराण - 5.222
(6) कुंडलगिरि के मणि-भक्त का निवासी देव । हरिवंशपुराण - 5.393