ग्रन्थ:सर्वार्थसिद्धि - अधिकार 2 - सूत्र 46
From जैनकोष
350. तदनन्तरं यन्निर्दिष्टं तत्कस्मिन जन्मनीत्यत आह -
350. इसके अनन्तर जिस शरीर का निर्देश किया है उसकी उत्पत्ति किस जन्म से होती है अब इस बात का ज्ञान कराने के लिए आगे का सूत्र कहते हैं –
औपपादिकं वैक्रियिकम्।।46।।
वैक्रियिक शरीर उपपाद जन्मसे पैदा होता है।।46।।
351. उपपादे भवमौपपादिकम्। तत्सर्वं वैक्रियिकं वेदितव्यम्।
351. जो उपपाद में होता है उसे औपपादिक कहते हैं। इस प्रकार उपपाद जन्म से पैदा होने वाले शरीर को वैक्रियिक जानना चाहिए।