पायो जी सुख आतम लखकै
From जैनकोष
पायो जी सुख आतम लखकै
ब्रह्मा विष्णु महेश्वरको प्रभु, सो हम देख्यो आप हरखकै।।पायो. ।।१ ।।
देखनि जाननि समझनिवाला, जान्यो आपमें आप परखकै।।पायो. ।।२।।
`द्यानत' सब रस विरस लगैं हैं, अनुभौ ज्ञानसुधारस चखकै।।पायो. ।।३ ।।