सहस्रार: Difference between revisions
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<p id="3">(3) अलंकारपुर के राजा अशनिवेग का पुत्र । अशनिवेग इसे राज्य देकर निर्ग्रंथ हो गया था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 6.502-504 </span></p> | <p id="3" class="HindiText">(3) अलंकारपुर के राजा अशनिवेग का पुत्र । अशनिवेग इसे राज्य देकर निर्ग्रंथ हो गया था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_6#502|पद्मपुराण - 6.502-504]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:30, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
1. बारहवाँ स्वर्ग-देखें स्वर्ग - 5.2।
2. पद्मपुराण/7/14-
रथनूपुर का राजा था। इसके पुत्र इंद्र ने रावण के दादा 'माली' को मारा था। पीछे रावण द्वारा युद्ध में परास्त किया गया।
पुराणकोष से
(1) बारहवाँ स्वर्ग । पद्मपुराण - 105.166-169, हरिवंशपुराण - 4.15, 6, 38, वीरवर्द्धमान चरित्र 5.117
(2) एक विमान । सहस्रार इंद्र इसी विमान में रहता है । महापुराण 59.10
(3) अलंकारपुर के राजा अशनिवेग का पुत्र । अशनिवेग इसे राज्य देकर निर्ग्रंथ हो गया था । पद्मपुराण - 6.502-504
(4) रथनूपुर का एक विद्याधर राजा । इसकी रानी मानससुंदरी थी । गर्भावस्था में पत्नी को स्वर्गीय सुख भोगने का दोहद होने के कारण इसने अपने इस पुत्र का नाम इंद्र रखा था । इस पुत्र ने लंका के राजा रावण के दादा माली को युद्ध में मार डाला था । इस प्रकार पुत्र का रावण से विरोध होने पर इसने पुत्र को रावण से संधि करने के लिए कहा था । संधि न करने के कारण रावण ने इसे बाँध लिया था जिसे इसके निवेदन करने पर ही रावण ने मुक्त किया था । पद्मपुराण - 7.1-2,पद्मपुराण - 7.18, 88, 12. 168, 346-347, 13.32