हिमवान: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) शौर्यपुर के राजा अंधकवृष्णि और रानी सुभद्रा के दस पुत्रों में दूसरा <span class="GRef">( हरिवंशपुराण के अनुसार चौथा) </span> पुत्र । इसकी रानी धृतीश्वरा और विद्युत्प्रभ, माल्यवान तथा गंधमादन ये तीन पुत्र थे । <span class="GRef"> महापुराण 70. 96, 98, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_18#9|हरिवंशपुराण - 18.9-10]], [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_18#12|12-13]], [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_48#47| | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) शौर्यपुर के राजा अंधकवृष्णि और रानी सुभद्रा के दस पुत्रों में दूसरा <span class="GRef">( हरिवंशपुराण के अनुसार चौथा) </span> पुत्र । इसकी रानी धृतीश्वरा और विद्युत्प्रभ, माल्यवान तथा गंधमादन ये तीन पुत्र थे । <span class="GRef"> महापुराण 70. 96, 98, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_18#9|हरिवंशपुराण - 18.9-10]], [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_18#12|12-13]], [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_48#47|48.47]]</span> विशेष देखें [[ हिमवत्#3 | हिमवत् - 3]]</p> | ||
<p id="2" class="HindiText">(2) भरतक्षेत्र के हिमवान्, महाहिमवान्, निषध, महामेरु, नील, रुक्मी और शिखरी इन सात कुलाचलों में प्रथम कुलाचल । <span class="GRef"> महापुराण 63.192-193, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_105#157|पद्मपुराण - 105.157-158]], </span>विशेष देखें [[ हिमवत्#1 | हिमवत् - 1]]</p> | <p id="2" class="HindiText">(2) भरतक्षेत्र के हिमवान्, महाहिमवान्, निषध, महामेरु, नील, रुक्मी और शिखरी इन सात कुलाचलों में प्रथम कुलाचल । <span class="GRef"> महापुराण 63.192-193, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_105#157|पद्मपुराण - 105.157-158]], </span>विशेष देखें [[ हिमवत्#1 | हिमवत् - 1]]</p> | ||
<p id="3" class="HindiText">(3) राम का पक्षधर एक गजवाही योद्धा राजा । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_58#8|पद्मपुराण - 58.8]] </span></p> | <p id="3" class="HindiText">(3) राम का पक्षधर एक गजवाही योद्धा राजा । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_58#8|पद्मपुराण - 58.8]] </span></p> |
Revision as of 14:53, 28 November 2023
(1) शौर्यपुर के राजा अंधकवृष्णि और रानी सुभद्रा के दस पुत्रों में दूसरा ( हरिवंशपुराण के अनुसार चौथा) पुत्र । इसकी रानी धृतीश्वरा और विद्युत्प्रभ, माल्यवान तथा गंधमादन ये तीन पुत्र थे । महापुराण 70. 96, 98, हरिवंशपुराण - 18.9-10, 12-13, 48.47 विशेष देखें हिमवत् - 3
(2) भरतक्षेत्र के हिमवान्, महाहिमवान्, निषध, महामेरु, नील, रुक्मी और शिखरी इन सात कुलाचलों में प्रथम कुलाचल । महापुराण 63.192-193, पद्मपुराण - 105.157-158, विशेष देखें हिमवत् - 1
(3) राम का पक्षधर एक गजवाही योद्धा राजा । पद्मपुराण - 58.8
(4) इस नाम के पर्वत का इसी नाम का एक दैव । चक्रवर्ती भरतेश ने दिग्विजय के समय इसे पराजित किया था । महापुराण 32.198
(5) जरासंध का पुत्र । हरिवंशपुराण - 52.35