द्रव्य मूढ: Difference between revisions
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<p><span class="GRef"> परमात्मप्रकाश/ मूल/1/13</span><p class=" PrakritText "> देहु जि अप्पा जो मुणइ सो जणु मूढ हवेइ। </p><p class="HindiText">= जो देह को ही आत्मा मानता है वह प्राणी मूढ अर्थात् बहिरात्मा है। (और भी देखें [[ बहिरात्मा ]])।</p> | |||
<p class="HindiText">अधिक जानकारी के लिये देखें [[ मूढ ]]। | |||
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Revision as of 12:09, 11 August 2023
परमात्मप्रकाश/ मूल/1/13
देहु जि अप्पा जो मुणइ सो जणु मूढ हवेइ।
= जो देह को ही आत्मा मानता है वह प्राणी मूढ अर्थात् बहिरात्मा है। (और भी देखें बहिरात्मा )।
अधिक जानकारी के लिये देखें मूढ । पूर्व पृष्ठ अगला पृष्ठ