परमात्मप्रकाश/ मूल/1/13
देहु जि अप्पा जो मुणइ सो जणु मूढ हवेइ।
= जो देह को ही आत्मा मानता है वह प्राणी मूढ अर्थात् बहिरात्मा है। (और भी देखें बहिरात्मा )।
अधिक जानकारी के लिये देखें मूढ ।
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