त्रिशला के नन्द तुम्हें वंदना हमारी
From जैनकोष
त्रिशला के नन्द तुम्हें वंदना हमारी है ।।टेर ।।
दुनिया के जीव सारे तुम को निहार रहे ।
पल पल पुकार रहे, हितकर चितार रहे ।।
कोई कहे वीर प्रभु कोई वर्द्धमान कहे ।
सनमति पुकार कहे तूं ही उपकारी है ।।१ ।।त्रिशला ।।
मंगल उपदेश तेरा, कर्मो का काटे घेरा ।
भव भव का मेटे फेरा, शिवपुर में डाले डेरा ।।
आत्म सुबोध करें, रत्नत्रय चित्त धरें ।
शिव तिय `सौभाग्य' वरें ये ही दिल धारी हैं ।।२ ।।त्रिशला ।।