जैनकोष
Menu
Main page
Home
Dictionary
Literature
Kaavya Kosh
Study Material
Audio
Video
Online Classes
Games
Home
Dictionary
Literature
Kaavya Kosh
Study Material
Audio
Video
Online Classes
Games
What links here
Related changes
Special pages
Printable version
Permanent link
Page information
Recent changes
Help
Create account
Log in
जैन शब्दों का अर्थ जानने के लिए किसी भी शब्द को नीचे दिए गए स्थान पर हिंदी में लिखें एवं सर्च करें
Help
Actions
Category
Discussion
View source
View history
Category
Category
:
सौभाग्यमलजी
From जैनकोष
सौभाग्यमलजी कृत भजन
Pages in category "सौभाग्यमलजी"
The following 31 pages are in this category, out of 31 total.
आ
आज सी सुहानी सु घड़ी इतनी
क
कहा मानले ओ मेरे भैया
काहे पाप करे काहे छल
ज
जहाँ रागद्वेष से रहित निराकुल
जो आज दिन है वो, कल ना रहेगा, कल ना रहेगा
त
तेरी शांति छवि पे मैं बलि बलि जाऊँ
तेरी शीतल-शीतल मूरत लख
तेरी सुन्दर मूरत देख प्रभो
तेरे दर्शन को मन दौड़ा
तेरे दर्शन से मेरा दिल खिल गया
तोड़ विषियों से मन जोड़ प्रभु से लगन
तोरी पल पल निरखें मूरतियाँ
त्रिशला के नन्द तुम्हें वंदना हमारी
ध
धन्य धन्य आज घड़ी कैसी सुखकार है
धोली हो गई रे काली कामली माथा की थारी
ध्यान धर ले प्रभू को ध्यान धर ले
न
नित उठ ध्याऊँ, गुण गाऊँ, परम दिगम्बर साधु
निरखी निरखी मनहर मूरत
प
परम दिगम्बर यती, महागुण व्रती, करो निस्तारा
पर्वराज पर्यूषण आया दस धर्मो की ले माला
पल पल बीते उमरिया रूप जवानी जाती
प्रभु दर्शन कर जीवन की, भीड़ भगी मेरे कर्मन की
भ
भाया थारी बावली जवानी चाली रे
भावों में सरलता
म
मत बिसरावो जिनजी
मन महल में दो दो भाव जगे
मैं हूँ आतमराम
ल
लहरायेगा-लहरायेगा झंडा महावीर का
लिया प्रभू अवतार, जय जय कार जय जय कार
स
संसार महा अघसागर में
स्वामी तेरा मुखड़ा है मन को लुभाना