धनमित्र
From जैनकोष
(1) सेठ धनदत्त तथा सेठानी नंदयशा का पुत्र । हरिवंशपुराण - 18.114,120 देखें धनपाल ।
(2) उत्पलखेटपुर के राजा वज्रजंघ का राजसेठ । इसने दृढ़धर्म आचार्य के पास जिनदीक्षा ले ली थी । रत्नत्रय की आराधना करते हुए मरकर यह अहमिंद्र हुआ । महापुराण 8.116, 9.91-93
(3) गांधार-देश के विष्णुपुर नगर का एक वणिक् । महापुराण 63.100
(4) सुजन-देश में हेमाभनगर के राजा दृढ़मित्र का चतुर्थ पुत्र, जीवंधर का साला । महापुराण 75.420-430
(5) पुष्करार्ध द्वीप के वत्सकावती देश में रत्नपुरनगर के राजा पद्मोत्तर का पुत्र । इसका पिता इसे राज्य-भार सौंपकर दीक्षित हो गया था । म पद्मपुराण0 58.2, 11
(6) जंबूद्वीप के ऐरावत क्षेत्र में पद्मिनीखेटनगर के सागरसेन वैश्य और उसकी स्त्री अमितमति का पुत्र । नंदिषेण इसका भाई था । धन के लोभ से दोनों भाई एक-दूसरे को मारकर कबूतर तथा गीध हुए । महापुराण 63.261-264
(7) तीसरे नारायण स्वयंभू के पूर्वभव का जीव । पद्मपुराण - 20.209