लक्ष्मी: Difference between revisions
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<p id="1">(1) छ: जिनमातृक देवियों में एक दिक्कुमारी देवी । इसकी आयु एक पल्य की होती है । गर्भावस्था में जिनमाता की सेवा करती है । <span class="GRef"> महापुराण </span>में यही देवी | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText">(1) छ: जिनमातृक देवियों में एक दिक्कुमारी देवी । इसकी आयु एक पल्य की होती है । गर्भावस्था में जिनमाता की सेवा करती है । <span class="GRef"> महापुराण </span>में यही देवी व्यंतरेंद्र की वल्लभा और पुंडरीक हृदयवासिनी एक व्यंतर देवी भी कही गयी है । <span class="GRef"> महापुराण </span>12.163-164, 38.226, 63. 200 <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_3#112|पद्मपुराण - 3.112-113]], </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_5#130|हरिवंशपुराण - 5.130-131]], </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 7.105-108 </span></p> | ||
<p id="2">(2) कुशाग्रपुर के राजा शिवाकर की रानी । यह छठें नारायण | <p id="2" class="HindiText">(2) कुशाग्रपुर के राजा शिवाकर की रानी । यह छठें नारायण पुंडरीक की जननी थी । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_20#221|पद्मपुराण - 20.221-226]] </span></p> | ||
<p id="3">(3) रत्नपुर के राजा विद्यांग की रानी । यह विद्यासमुद्घात की जननी थी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 6. 390 </span></p> | <p id="3" class="HindiText">(3) रत्नपुर के राजा विद्यांग की रानी । यह विद्यासमुद्घात की जननी थी । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_6#390|पद्मपुराण - 6.390]] </span></p> | ||
<p id="4">(4) अंजना के जीव कनकोदरी की सौत । <span class="GRef"> पद्मपुराण 17. 166-167 </span></p> | <p id="4" class="HindiText">(4) अंजना के जीव कनकोदरी की सौत । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_17#166|पद्मपुराण - 17.166-167]] </span></p> | ||
<p id="5">(5) रावण और लक्ष्मण की आगामी भव की जननी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 123. 112-119 </span></p> | <p id="5" class="HindiText">(5) रावण और लक्ष्मण की आगामी भव की जननी । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_123#112|पद्मपुराण - 123.112-119]] </span></p> | ||
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<p id="7">(7) अक्षपुर के राजा हरिध्वज की रानी । यह राजा अरिंदम की जननी थी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 77. 57 </span></p> | <p id="7" class="HindiText">(7) अक्षपुर के राजा हरिध्वज की रानी । यह राजा अरिंदम की जननी थी । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_77#57|पद्मपुराण - 77.57]] </span></p> | ||
<p id="8">(8) दशरथ की पुत्रवधू और भरत की भाभी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 83. 94 </span></p> | <p id="8" class="HindiText">(8) दशरथ की पुत्रवधू और भरत की भाभी । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_83#94|पद्मपुराण - 83.94]] </span></p> | ||
<p id="9">(9) राजा वज्रजंघ की रानी । शशिचूला इसकी पुत्री थी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 101. 2 </span></p> | <p id="9" class="HindiText">(9) राजा वज्रजंघ की रानी । शशिचूला इसकी पुत्री थी । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_101#2|पद्मपुराण - 101.2]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:21, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
- शिखरी पर्वतस्थ पुंडरीक हृद की स्वामिनी देवी।−देखें लोक - 3.9।
- शिखरी पर्वतस्थ कूट और निवासिनी देवी।−देखें लोक - 5.4।
- विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का एक नगर।−देखें विद्याधर ।
पुराणकोष से
(1) छ: जिनमातृक देवियों में एक दिक्कुमारी देवी । इसकी आयु एक पल्य की होती है । गर्भावस्था में जिनमाता की सेवा करती है । महापुराण में यही देवी व्यंतरेंद्र की वल्लभा और पुंडरीक हृदयवासिनी एक व्यंतर देवी भी कही गयी है । महापुराण 12.163-164, 38.226, 63. 200 पद्मपुराण - 3.112-113, हरिवंशपुराण - 5.130-131, वीरवर्द्धमान चरित्र 7.105-108
(2) कुशाग्रपुर के राजा शिवाकर की रानी । यह छठें नारायण पुंडरीक की जननी थी । पद्मपुराण - 20.221-226
(3) रत्नपुर के राजा विद्यांग की रानी । यह विद्यासमुद्घात की जननी थी । पद्मपुराण - 6.390
(4) अंजना के जीव कनकोदरी की सौत । पद्मपुराण - 17.166-167
(5) रावण और लक्ष्मण की आगामी भव की जननी । पद्मपुराण - 123.112-119
( 6) रावण की रानी । पद्मपुराण - 77.14
(7) अक्षपुर के राजा हरिध्वज की रानी । यह राजा अरिंदम की जननी थी । पद्मपुराण - 77.57
(8) दशरथ की पुत्रवधू और भरत की भाभी । पद्मपुराण - 83.94
(9) राजा वज्रजंघ की रानी । शशिचूला इसकी पुत्री थी । पद्मपुराण - 101.2