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- जय श्री ऋषभ जिनंदा! नाश तौ करो स्वामी मेरे दुखदंदा (5 categories)
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- ऐसा मोही क्यों न अधोगति जावै (5 categories)
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- जिनवानी प्रानी! जान लै रे (4 categories)
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- भैया! सो आतम जानो रे! (4 categories)
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- परनति सब जीवनकी (4 categories)
- कर्मनिको पेलै, ज्ञान दशामें खेलै (4 categories)
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- सम आराम विहारी (4 categories)
- मति भोगन राचौ जी (4 categories)
- और सबै जगद्वन्द मिटावो (4 categories)
- वैर (4 categories)
- तेरी शांति छवि पे मैं बलि बलि जाऊँ (4 categories)
- ध्यान धर ले प्रभू को ध्यान धर ले (4 categories)