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- ...हते हैं जो कि सत्ता से अनन्यभूत है। <span class="GRef">( राजवार्तिक/1/33/1/95/4 )</span>।</span><br /> ...दव्ययध्रौव्य युक्त है उसे द्रव्य कहते हैं। <span class="GRef">( प्रवचनसार/95-96 )</span> <span class="GRef">( नयचक्र बृहद्/37 )</s ...148 KB (3,763 words) - 15:11, 27 November 2023
- ...45 KB (830 words) - 15:30, 27 November 2023
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- [[ वर्णीजी-प्रवचन:नियमसार - गाथा 95 | पूर्व पृष्ठ ]] ...45 KB (171 words) - 16:34, 2 July 2021
- <p> प्रश्न 95-―नरकायुकर्म किसे कहते हैं?</p> ...103 KB (940 words) - 11:55, 17 May 2021
- ...67 KB (665 words) - 09:46, 10 January 2024
- ...47 KB (573 words) - 21:33, 20 December 2023
- ...कषायों का उपशम होता है। इस पंचम काल में जिनागम का अभ्यास करना ही जिनागम है।95।</span></p> ...73 KB (1,168 words) - 16:42, 29 February 2024
- [[ वर्णीजी-प्रवचन:रयणसार - गाथा 95 | पूर्व पृष्ठ ]] ...47 KB (22 words) - 11:57, 17 May 2021
- <p>अप्पाणं जो झायदि पच्चक्खाणं हवे तस्स।।95।।</p> [[ वर्णीजी-प्रवचन:नियमसार - गाथा 95 | अगला पृष्ठ ]] ...52 KB (170 words) - 16:34, 2 July 2021
- ...भी मोक्ष को प्राप्त नहीं कर पाते)। <span class="GRef">(धवला/1/1,1,4/ गाथा 95/150)</span> <span class="GRef">(गोम्मटसार जीवका ...54 KB (971 words) - 15:15, 27 November 2023
- <td width="62" valign="top">95</td> <td width="62" valign="top">95</td> ...895 KB (59,165 words) - 14:40, 27 November 2023
- ...(हरिवंश पुराण 6/89)</span>, 6=<span class="GRef">(जंबूदीव-पण्णत्तिसंगहो 12/95-96)</span>, 7=<span class="GRef">(त्रिलोकसार 446)</span ...269 KB (7,959 words) - 21:15, 9 June 2024
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- ...63 KB (115 words) - 11:56, 17 May 2021
- ...63 KB (186 words) - 16:34, 2 July 2021
- ...मूल में समान विस्तारवाले हैं।13। <span class="GRef">( तिलोयपण्णत्ति/4/94-95 )</span>; <span class="GRef">( त्रिलोकसार/566 )</span>< ...>( त्रिलोकसार/593 )</span>; <span class="GRef">( जंबूद्वीपपण्णत्तिसंगहो/2/95-98 )</span>;</li> ...157 KB (5,631 words) - 15:10, 27 November 2023
- ...lass="GRef">(हरिवंशपुराण/4/368)</span>, <span class="GRef">(महापुराण/10/34,95)</span>, (विशेष देखें [[ उदय#6.3 | उदय - 6. ...ा विस्तार उभयमिश्र हैं, अर्थात् कुछ का संख्यात और कुछ का असंख्यात योजन है।95। संख्यात योजनवाले नरक बिलों ...207 KB (11,123 words) - 15:11, 27 November 2023
- ...न को अपनी आत्मा में लगावे।29।</span> <span class="GRef"> (तत्त्वानुशासन/94-95) </span> <span class="GRef"> ज्ञानार्णव/30/5 </span><sp ...85 KB (1,707 words) - 15:11, 27 November 2023