Tasks: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 36: | Line 36: | ||
* [[ आगम ]] | * [[ आगम ]] | ||
* [[ धर्म ]] | * [[ धर्म ]] | ||
* [[ बंध ]] | * [[ बंध ]] - "द्रव्य व भाव बंध का समन्वय" में IDs डालना है | | ||
* [[ चारित्र ]] | * [[ चारित्र ]] | ||
* [[ नय सामान्य ]] | * [[ नय सामान्य ]] |
Revision as of 10:30, 25 November 2020
Adding Linking to same page
content for 7. प्रकृति बंध विषयक प्ररूपणाएँ remaining
4.5 and 4.6 couldn't find
4th list content do not exist.
7.5 content is not present
अर्हंत - इसमें id नंबर डालने हैं | TOC है नहीं | लेकिन नीचे हैडिंग में id number चाहिए |
[[आहार]]
- सम्यग्दर्शन
- द्वीप क्षेत्र पर्वत आदि का विस्तार
- सल्लेखना
- ज्ञान
- द्वीप पर्वतों आदि के नाम रस आदि
- सत्त्व विषयक प्ररूपणाएँ
- सप्तभंगी
- जन्म
- आगम
- धर्म
- बंध - "द्रव्य व भाव बंध का समन्वय" में IDs डालना है |
- चारित्र
- नय सामान्य
- करण
- धर्मध्यान
- जीव
- भाव
- मतिज्ञान
- प्रकृति बंध
- जंबूद्वीप निर्देश
- अनुप्रेक्षा
- स्पर्श विषयक प्ररूपणाएँ
- मरण
- द्रव्य
- कर्ता
- आहार
- निमित्त की कथंचित् गौणता मुख्यता
- साधु
- मन:पर्यय
- द्वादश चक्रवर्ती निर्देश
- लेश्या
- अनुभाग
- स्वर्ग देव
- अनेकांत
- दान
- कृतिकर्म
- नियति
- अनुभव
- कषाय
- उपयोग
- तप
- प्रत्यय
- एकांत
- देव
- उत्पादव्ययध्रौव्य
- कारण सामान्य निर्देश
- ब्रह्मचर्य
- श्रुतज्ञान सामान्य निर्देश
- भिक्षा
- व्यंतर लोक निर्देश
- हिंसा
- स्याद्वाद निर्देश
- परमाणु
- व्युत्सर्ग
- सुख
- ध्यान
- ज्योतिष लोक
- प्रायश्चित्त
- प्रमाण
- संयम
- उपचार
- स्थितिबंध प्ररूपणा
- पर्याप्ति
- आकाश
- चैत्य चैत्यालय
- मंगल
- अपकर्षण
- प्रदेश
- स्वाध्याय
- आहारक
- व्रत
- लब्धि
- श्वेतांबर
- अनंत
- पूजा
- व्यक्ताव्यक्त राग निर्देश
- क्षयोपशम
- प्रोषधोपवास
- भक्ष्याभक्ष्य
- वर्गणा निर्देश
- अनुयोग
- गणित I.1.4
- कर्म
- काल 02
- लिंग
- कालानुयोग 01
- काल 01
- भवन
- समिति
- संस्कार
- सासादन
- क्षय
- स्वामित्व
- निक्षेप 5
- उपादान कारण की मुख्यता गौणता
- शब्द लिंगज श्रुतज्ञान विशेष
- भक्ति
- शुक्लध्यान भेद व लक्षण
- परमात्मा
- गुप्ति
- अपवाद
- दिव्यध्वनि
- चेतना
- मंत्र
- दृष्टिभेद
- अवग्रह
- तत्त्व
- धर्माधर्म
- लोकसामान्य निर्देश
- वसतिका
- प्रत्यक्ष
- वेदनीय
- काय
- ध्येय
- निक्षेप 1
- मनुष्य
- हेतु
- सोलह कुलकर निर्देश
- स्वभाव विभाव, अर्थ व्यंजन व द्रव्य गुण पर्याय निर्देश
- मूर्त
- दृष्टांत
- अन्य द्वीप सागर निर्देश
- उपदेश
- परिशिष्ट
- केवली 05
- क्षेत्र 03
- सूक्ष्म
- दर्शन उपयोग 2
- कारण कार्य भाव समन्वय
- स्कंध
- न्याय
- कृष्टि
- स्त्री
- निक्षेप 6
- बौद्धदर्शन
- सत्य
- केवलज्ञान का स्वपर-प्रकाशकपना
- दर्शन उपयोग 5
- प्रत्याख्यान
- श्रद्धान
- संवर
- मोक्ष के अस्तित्व संबंधी शंकाएँ
- नव नारायण निर्देश
- अनुमान
- श्रुतकेवली
- शुद्धि
- मन
- अर्थलिंगज श्रुतज्ञान विशेष निर्देश
- निर्जरा
- वर्णव्यवस्था निर्देश
- निगोद निर्देश
- वर्गणा
- पर्याय
- समवसरण
- गुणस्थान
- केवलज्ञान की सर्वग्राहकता
- अहिंसा
- संगति
- प्राण
- क्षुल्लक
- औदारिक
- श्रावक के मूल व उत्तर गुण निर्देश
- साधारण शरीर में जीवों का उत्पत्ति क्रम
- श्रेणी
- निक्षेप 3
- गुरु
- कारक
- अतिचार
- आलोचना
- ज्ञानावरण
- पूजायोग्य द्रव्य विचार
- परिषह
- रात्रि भोजन
- छेदोपस्थापना
- तेजस
- वृक्ष
- ध्याता
- काल 03
- आर्त्तध्यान
- परिग्रह