Tasks: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 6: | Line 6: | ||
* 'अनुभव' में 4 के अन्दर समयसार तात्पर्यवृत्ति अतिरिक्त गाथा 12 के प्रमाण से 'प्रक्षेपक गाथा' हटाना है और आगे उसी की टीका को उद्धृत करते हुए गाथा 109 की टीका लिखा है, उसे भी सही करना है। | * 'अनुभव' में 4 के अन्दर समयसार तात्पर्यवृत्ति अतिरिक्त गाथा 12 के प्रमाण से 'प्रक्षेपक गाथा' हटाना है और आगे उसी की टीका को उद्धृत करते हुए गाथा 109 की टीका लिखा है, उसे भी सही करना है। | ||
* 'सम्यग्दर्शन' में 'प्रथामोपशम से च्युति संबंधी नियम' में कसायपाहुड गाथा 105 का अर्थ सही करना है। | * 'सम्यग्दर्शन' में 'प्रथामोपशम से च्युति संबंधी नियम' में कसायपाहुड गाथा 105 का अर्थ सही करना है। | ||
* 'सम्यग्दृष्टि' और 'मिथ्यादृष्टि' पेज में कोश का मैटर डालना है। | |||
== Adding Linking to same page == | == Adding Linking to same page == |
Revision as of 13:43, 2 December 2022
Add Any suggestions here
- सत्य पेज डालना शेष है | एक पेज का मेटर पूरा गायब है ।
- ईहा पेज डालना है
- काल page content is incomplete.
- https://www.jainkosh.org/wiki/प्रमाण#5 needs chart created.
- 'अनुभव' में 4 के अन्दर समयसार तात्पर्यवृत्ति अतिरिक्त गाथा 12 के प्रमाण से 'प्रक्षेपक गाथा' हटाना है और आगे उसी की टीका को उद्धृत करते हुए गाथा 109 की टीका लिखा है, उसे भी सही करना है।
- 'सम्यग्दर्शन' में 'प्रथामोपशम से च्युति संबंधी नियम' में कसायपाहुड गाथा 105 का अर्थ सही करना है।
- 'सम्यग्दृष्टि' और 'मिथ्यादृष्टि' पेज में कोश का मैटर डालना है।
Adding Linking to same page
उपशमअवधिज्ञानसत्त्व विषयक प्ररूपणाएँआगमनय सामान्यप्रकृति बंधजंबूद्वीप निर्देशस्पर्श विषयक प्ररूपणाएँनिमित्त की कथंचित् गौणता मुख्यताद्वादश चक्रवर्ती निर्देशस्वर्ग देवगणित I.1.4- सम्यग्दर्शन
Completed Linking
content for 7. प्रकृति बंध विषयक प्ररूपणाएँ remaining
4.5 and 4.6 couldn't find
4th list content do not exist.
7.5 content is not present
अर्हंत - इसमें id नंबर डालने हैं | TOC है नहीं | लेकिन नीचे हैडिंग में id number चाहिए |
द्वीप क्षेत्र पर्वत आदि का विस्तारसल्लेखनाज्ञानद्वीप पर्वतों आदि के नाम रस आदिसप्तभंगीजन्मधर्मबंधचारित्र- इसमें 6.3 के बाद वाले content नहीं है | लेकिन id नंबर डाल दिए है |करणधर्मध्यानजीवभावमतिज्ञानअनुप्रेक्षामरणद्रव्यकर्ताआहारसाधुमन:पर्ययलेश्याअनुभागअनेकांतदानकृतिकर्मनियतिअनुभवकषायउपयोगतपप्रत्ययएकांतदेवउत्पादव्ययध्रौव्यकारण सामान्य निर्देशब्रह्मचर्यश्रुतज्ञान सामान्य निर्देशभिक्षाव्यंतर लोक निर्देशहिंसास्याद्वाद निर्देशपरमाणुव्युत्सर्गसुखध्यानज्योतिष लोकप्रायश्चित्तप्रमाणसंयमउपचारस्थितिबंध प्ररूपणापर्याप्तिआकाशचैत्य चैत्यालयमंगलअपकर्षणप्रदेशस्वाध्यायआहारकव्रतलब्धिश्वेतांबरअनंतपूजा#इसमें 1.5 तक ही सामग्री है | उसके बाद नहीं है लेकिन id number बाकि के डल गए है |व्यक्ताव्यक्त राग निर्देशक्षयोपशमप्रोषधोपवासभक्ष्याभक्ष्यवर्गणा निर्देशअनुयोगकर्मकाल 02लिंगकालानुयोग 01काल 01भवनसमितिसंस्कारसासादनक्षयस्वामित्वनिक्षेप 5उपादान कारण की मुख्यता गौणताशब्द लिंगज श्रुतज्ञान विशेषभक्तिशुक्लध्यान भेद व लक्षणपरमात्मागुप्तिअपवाददिव्यध्वनिचेतनामंत्रदृष्टिभेदअवग्रहतत्त्वधर्माधर्मलोकसामान्य निर्देशवसतिकाप्रत्यक्षवेदनीयकायध्येयनिक्षेप 1मनुष्यहेतुसोलह कुलकर निर्देशस्वभाव विभाव, अर्थ व्यंजन व द्रव्य गुण पर्याय निर्देशमूर्तदृष्टांतअन्य द्वीप सागर निर्देशउपदेशपरिशिष्टकेवली 05क्षेत्र 03सूक्ष्मदर्शन उपयोग 2कारण कार्य भाव समन्वयस्कंधन्यायकृष्टिस्त्रीनिक्षेप 6बौद्धदर्शनसत्यकेवलज्ञान का स्वपर-प्रकाशकपनादर्शन उपयोग 5प्रत्याख्यानश्रद्धानसंवरमोक्ष के अस्तित्व संबंधी शंकाएँनव नारायण निर्देशअनुमानश्रुतकेवलीशुद्धिमनअर्थलिंगज श्रुतज्ञान विशेष निर्देशनिर्जरावर्णव्यवस्था निर्देशनिगोद निर्देशवर्गणापर्यायसमवसरणगुणस्थानकेवलज्ञान की सर्वग्राहकताअहिंसासंगतिप्राणक्षुल्लकऔदारिकश्रावक के मूल व उत्तर गुण निर्देशसाधारण शरीर में जीवों का उत्पत्ति क्रमश्रेणीनिक्षेप 3गुरुकारकअतिचारआलोचनाज्ञानावरणपूजायोग्य द्रव्य विचारपरिषहरात्रि भोजनछेदोपस्थापनातेजसवृक्षध्याताकाल 03आर्त्तध्यानपरिग्रह