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:
सौभाग्यमलजी
From जैनकोष
Revision as of 22:14, 28 February 2008 by
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(New page: सौभाग्यमलजी कृत भजन)
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सौभाग्यमलजी कृत भजन
Pages in category "सौभाग्यमलजी"
The following 31 pages are in this category, out of 31 total.
आ
आज सी सुहानी सु घड़ी इतनी
क
कहा मानले ओ मेरे भैया
काहे पाप करे काहे छल
ज
जहाँ रागद्वेष से रहित निराकुल
जो आज दिन है वो, कल ना रहेगा, कल ना रहेगा
त
तेरी शांति छवि पे मैं बलि बलि जाऊँ
तेरी शीतल-शीतल मूरत लख
तेरी सुन्दर मूरत देख प्रभो
तेरे दर्शन को मन दौड़ा
तेरे दर्शन से मेरा दिल खिल गया
तोड़ विषियों से मन जोड़ प्रभु से लगन
तोरी पल पल निरखें मूरतियाँ
त्रिशला के नन्द तुम्हें वंदना हमारी
ध
धन्य धन्य आज घड़ी कैसी सुखकार है
धोली हो गई रे काली कामली माथा की थारी
ध्यान धर ले प्रभू को ध्यान धर ले
न
नित उठ ध्याऊँ, गुण गाऊँ, परम दिगम्बर साधु
निरखी निरखी मनहर मूरत
प
परम दिगम्बर यती, महागुण व्रती, करो निस्तारा
पर्वराज पर्यूषण आया दस धर्मो की ले माला
पल पल बीते उमरिया रूप जवानी जाती
प्रभु दर्शन कर जीवन की, भीड़ भगी मेरे कर्मन की
भ
भाया थारी बावली जवानी चाली रे
भावों में सरलता
म
मत बिसरावो जिनजी
मन महल में दो दो भाव जगे
मैं हूँ आतमराम
ल
लहरायेगा-लहरायेगा झंडा महावीर का
लिया प्रभू अवतार, जय जय कार जय जय कार
स
संसार महा अघसागर में
स्वामी तेरा मुखड़ा है मन को लुभाना