Oldest pages
Showing below up to 50 results in range #51 to #100.
- जो आज दिन है वो, कल ना रहेगा, कल ना रहेगा (00:25, 14 February 2008)
- संसार महा अघसागर में (00:25, 14 February 2008)
- कहा मानले ओ मेरे भैया (00:27, 14 February 2008)
- आज सी सुहानी सु घड़ी इतनी (00:27, 14 February 2008)
- धोली हो गई रे काली कामली माथा की थारी (00:28, 14 February 2008)
- नित उठ ध्याऊँ, गुण गाऊँ, परम दिगम्बर साधु (00:31, 14 February 2008)
- परम दिगम्बर यती, महागुण व्रती, करो निस्तारा (00:32, 14 February 2008)
- पल पल बीते उमरिया रूप जवानी जाती (00:33, 14 February 2008)
- धन्य धन्य आज घड़ी कैसी सुखकार है (00:35, 14 February 2008)
- तोड़ विषियों से मन जोड़ प्रभु से लगन (00:36, 14 February 2008)
- प्रभु दर्शन कर जीवन की, भीड़ भगी मेरे कर्मन की (00:37, 14 February 2008)
- भाया थारी बावली जवानी चाली रे (00:40, 14 February 2008)
- तेरी सुन्दर मूरत देख प्रभो (00:40, 14 February 2008)
- भावों में सरलता (00:41, 14 February 2008)
- मैं हूँ आतमराम (00:43, 14 February 2008)
- मन महल में दो दो भाव जगे (00:44, 14 February 2008)
- मत बिसरावो जिनजी (00:45, 14 February 2008)
- जहाँ रागद्वेष से रहित निराकुल (00:46, 14 February 2008)
- लिया प्रभू अवतार, जय जय कार जय जय कार (01:23, 14 February 2008)
- पर्वराज पर्यूषण आया दस धर्मो की ले माला (07:38, 14 February 2008)
- काव्य कोष (07:49, 14 February 2008)
- सन्त निरन्तर चिन्तत ऐसैं (11:09, 14 February 2008)
- सुमर सदा मन आतमराम (11:12, 14 February 2008)
- ऐसे विमल भाव जब पावै (11:15, 14 February 2008)
- आकुलरहित होय इमि निशदिन (11:16, 14 February 2008)
- सफल है धन्य धन्य वा घरी (11:17, 14 February 2008)
- प्रानी समकित ही शिवपंथा (11:18, 14 February 2008)
- जीवन के परिनामनिकी यह (11:18, 14 February 2008)
- परनति सब जीवनकी (11:29, 14 February 2008)
- तू स्वरूप जाने बिना दुखी (11:29, 14 February 2008)
- सत्ता रंगभूमिमें, नटत ब्रह्म नटराय (11:30, 14 February 2008)
- सांची तो गंगा यह वीतरागवानी (11:30, 14 February 2008)
- महिमा है अगम जिनागमकी (11:30, 14 February 2008)
- महिमा जिनमतकी (11:32, 14 February 2008)
- थांकी तो वानी में हो (11:32, 14 February 2008)
- मेघघटासम श्रीजिनवानी (11:33, 14 February 2008)
- म्हांकै घट जिनधुनि अब प्रगटी (11:35, 14 February 2008)
- अहो यह उपदेशमाहीं (11:37, 14 February 2008)
- धन्य धन्य है घड़ी आजकी (11:38, 14 February 2008)
- जानके सुज्ञानी जैनवानी की सरधा लाइये (11:38, 14 February 2008)
- श्रीगुरु हैं उपगारी ऐसे वीतराग गुनधारी वे (11:39, 14 February 2008)
- धन धन जैनी साधु अबाधित (11:39, 14 February 2008)
- शांति वरन मुनिराई वर लखि (11:39, 14 February 2008)
- श्रीमुनि राजत समता संग (11:40, 14 February 2008)
- ऐसे जैनी मुनिमहाराज (11:40, 14 February 2008)
- सम आराम विहारी (11:40, 14 February 2008)
- ऐसे साधु सुगुरु कब मिल हैं (11:40, 14 February 2008)
- गिरिवनवासी मुनिराज (11:40, 14 February 2008)
- जे दिन तुम विवेक बिन खोये (11:41, 14 February 2008)
- अरे हो अज्ञानी तूने कठिन मनुषभव पायो (11:41, 14 February 2008)